इज़हार
लेखक:- भारत भाटी
देख के तुझे दिल ये मचलता है,
ना जाने दिल क्यू तुम पर मरता है!
प्यार में दिल टूट ना जाए कही,
इसलिए इज़हार करने से डरता है!
ना दिखो तुम, दिल मेरा लगता नही,
जब तक मुस्कुरा ना दो तुम दिल मेरे हस्ता नही,
आती हो क्लास में दिल ये धड़कता है,
ना जाने तुम पर क्यू मरता है!
कह दू अपने दिल की बात दिल ये तरसता है,
वर्ष जाओ बरखा बनकर, दिल ये मचलता है!
ना जाने तुम पर क्यू मरता है,
प्यार में दिल टूट ना जाए कही,
इसलिए इज़हार करने से डरता है!
लेखक:- भारत भाटी