कहने को तो बहुत भोली है, लेकिन मेरे दिल से बहुत खेली है!
सादगी बहुत अच्छी है, दिल की बहुत सच्ची है!सताती है मुझे हर वक्त, बार बार पढता हू उसके खत
जब आखो से दूर वो होती है, मेरी आखे बहुत रोती है!
याद उसकी आती है, कोई सायरी बन जाती है!
दिल में आग लग जाती है, मुझे बहुत तड़पाती है!
लेकिन उसकी बाते मुझे हसा जाती है, जब याद उसकी आती है!
उसकी मुस्कान बहुत प्यारी है, वह जान हमारी है!
वह बहुत गौरी है, पटवारी की छोरी है!
कहने को तो बहुत भोली है, लेकिन मेरे दिल से बहुत खेली है!
भारत भाटी